November 21, 2024

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भजन संहिता 91 – परमेश्वर मेरी शरण है

तुम परम परमेश्वर की शरण में छिपने के लिये जा सकते हो तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़, हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ” परमेश्वर तुझको सभी छिपे खतरों से बचाएगा परमेश्वर तुझको सब भयानक व्याधियों… Continue reading भजन संहिता 91 – परमेश्वर मेरी शरण है

भजन संहिता 123 – राहत के लिए प्रार्थना

भजन संहिता 123 – राहत के लिए प्रार्थना हे परमेश्वर, मैं ऊपर आँख उठाकर तेरी प्रार्थना करता हूँ तू स्वर्ग में राजा के रूप में विराजता है दास अपने स्वामियों के ऊपर उन वस्तुओं के लिए निर्भर रहा करते हैं जिसकी उनको आवश्यकता है दासियाँ अपनी स्वामिनियों के ऊपर निर्भर रहा करती हैं इसी तरह… Continue reading भजन संहिता 123 – राहत के लिए प्रार्थना

प्रार्थना आत्मिक रूप से परमेश्‍वर के साथ हमारा सम्पर्क स्थापित करती है

मत्ती 21:22 – जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्‍वास से माँगोगे वह सब तुम को मिलेगा। प्रार्थना एक ऐसा स्रोत है जो आत्मिक रूप से परमेश्‍वर के साथ हमारा सम्पर्क स्थापित करती है। यह परमेश्‍वर और हमारे मध्य सीधे सम्बन्ध को बना देती है। प्रार्थना में असाधारण सामर्थ्य होता है क्योंकि केवल इसी के द्वारा… Continue reading प्रार्थना आत्मिक रूप से परमेश्‍वर के साथ हमारा सम्पर्क स्थापित करती है

आज का सन्देश – गुप्त में दान देना

मत्ती 6:3-4 –परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बायाँ हाथ न जानने पाए। ताकि तेरा दान गुप्त रहे, और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा। इस वचन में यीशु हमें स्पष्ट आदेश देता है कि हम जो कुछ भी दान में दें… Continue reading आज का सन्देश – गुप्त में दान देना

यदि कोई अपनों और अपने परिवार की चिन्ता न करे तो अविश्वासी से भी बुरा है

1 तीमुथियुस 5:8 – किन्तु यदि कोई अपने रिश्तेदारों, विशेषकर अपने परिवार के सदस्यों की सहायता नहीं करता, तो वह विश्वास से फिर गया है तथा किसी अविश्वासी से भी बुरा है। आज का सन्देश उन भाइयों और बहनों के लिए है जो कई कारणों से अपने प्रियजनों और परिवारों से दूर हैं। अपने रिश्तेदारों… Continue reading यदि कोई अपनों और अपने परिवार की चिन्ता न करे तो अविश्वासी से भी बुरा है