November 5, 2024

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पवित्र रानी की जय हो

पवित्र रानी की जय हो, दया की माँ हमारा जीवन, हमारी मिठास और हमारी आशा। हम तुझे पुकारते हैं, हव्वा की नम्र निर्वासित की हुई सन्तान: तुझे हम अपनी आहें, विलाप और इस आँसू की घाटी में अपनी चिल्लाहट को भेजते हैं। अब मुड़, सबसे कृपालु अधिवक्ता, तेरी दया की आँखें हमारी ओर लगे, और… Continue reading पवित्र रानी की जय हो

प्रार्थना आत्मिक रूप से परमेश्‍वर के साथ हमारा सम्पर्क स्थापित करती है

मत्ती 21:22 – जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्‍वास से माँगोगे वह सब तुम को मिलेगा। प्रार्थना एक ऐसा स्रोत है जो आत्मिक रूप से परमेश्‍वर के साथ हमारा सम्पर्क स्थापित करती है। यह परमेश्‍वर और हमारे मध्य सीधे सम्बन्ध को बना देती है। प्रार्थना में असाधारण सामर्थ्य होता है क्योंकि केवल इसी के द्वारा… Continue reading प्रार्थना आत्मिक रूप से परमेश्‍वर के साथ हमारा सम्पर्क स्थापित करती है

यदि कोई अपनों और अपने परिवार की चिन्ता न करे तो अविश्वासी से भी बुरा है

1 तीमुथियुस 5:8 – किन्तु यदि कोई अपने रिश्तेदारों, विशेषकर अपने परिवार के सदस्यों की सहायता नहीं करता, तो वह विश्वास से फिर गया है तथा किसी अविश्वासी से भी बुरा है। आज का सन्देश उन भाइयों और बहनों के लिए है जो कई कारणों से अपने प्रियजनों और परिवारों से दूर हैं। अपने रिश्तेदारों… Continue reading यदि कोई अपनों और अपने परिवार की चिन्ता न करे तो अविश्वासी से भी बुरा है