मत्ती 21:22 – जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से माँगोगे वह सब तुम को मिलेगा।
प्रार्थना एक ऐसा स्रोत है जो आत्मिक रूप से परमेश्वर के साथ हमारा सम्पर्क स्थापित करती है। यह परमेश्वर और हमारे मध्य सीधे सम्बन्ध को बना देती है। प्रार्थना में असाधारण सामर्थ्य होता है क्योंकि केवल इसी के द्वारा हम अपनी आवाज़ को परमेश्वर तक पहुँचा सकते हैं। केवल प्रार्थनाओं के द्वारा ही हम परमेश्वर को पुकारते हैं और अपनी सारी दुविधाओं के लिए समाधान की मांग करते हैं। परमेश्वर हमें मजबूत भरोसे और विश्वास के साथ प्रार्थना करने के लिए कहता है ताकि जो कुछ हम प्रार्थना में मांगें वह हमें दिया जाए।
प्रार्थना का प्रत्येक शब्द जो हमारे मुँह से बाहर निकल कर आता है, वह परमेश्वर तक पहुँचता है, परन्तु ये प्रार्थनाएँ सुन ली जाएँ, इसके लिए हमें विश्वास के साथ प्रार्थना करने की आवश्यकता होती है। चिन्तित लोगों की आत्मिक शान्ति के लिए भी प्रार्थना एक स्रोत है। जब हम अपने प्रभु को कठिन परिस्थितियों में पुकारते हैं तो वह हमें त्याग नहीं देता है। वह प्रार्थना जो सच्चे हृदय से की जाती है कभी व्यर्थ नहीं जाती है। इसलिए ही आप कुछ भी अपने प्रभु से मांग सकते हैं परन्तु इस विश्वास के साथ कि हमारा स्वर्गीय पिता हमें सुनेगा और हमें वह सब देगा जिनकी हमें आवश्यकता है। आमीन।