October 18, 2024

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आज का सन्देश – गुप्त में दान देना

मत्ती 6:3-4 –परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बायाँ हाथ न जानने पाए। ताकि तेरा दान गुप्त रहे, और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा। इस वचन में यीशु हमें स्पष्ट आदेश देता है कि हम जो कुछ भी दान में दें… Continue reading आज का सन्देश – गुप्त में दान देना

यदि कोई अपनों और अपने परिवार की चिन्ता न करे तो अविश्वासी से भी बुरा है

1 तीमुथियुस 5:8 – किन्तु यदि कोई अपने रिश्तेदारों, विशेषकर अपने परिवार के सदस्यों की सहायता नहीं करता, तो वह विश्वास से फिर गया है तथा किसी अविश्वासी से भी बुरा है। आज का सन्देश उन भाइयों और बहनों के लिए है जो कई कारणों से अपने प्रियजनों और परिवारों से दूर हैं। अपने रिश्तेदारों… Continue reading यदि कोई अपनों और अपने परिवार की चिन्ता न करे तो अविश्वासी से भी बुरा है

हमारे जीवन में सुसमाचार का महत्व

लूका 11:28 – “उसने कहा, “हाँ, परन्तु धन्य वे हैं जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और मानते हैं!” इस आधुनिक कम्प्यूटर और स्मार्टफोन के युग में हमने अपनी पीठ को परमेश्‍वर की ओर मोड़ दिया है। दिन प्रतिदिन हम हमारे सृष्टिकर्ता, उसके वचन और उसके असीम प्रेम से दूर होते जा रहे हैं। हमारे जीवन… Continue reading हमारे जीवन में सुसमाचार का महत्व

परमेश्वर वह पाप भी देखता है जो हम एकांत में करते हैं

भजन संहिता 139:13 – हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया। तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था। यहोवा इस ब्रह्मांड का निर्माता है। एक भी कण या एक भी पत्ता उसकी इच्छा के बिना हिल भी नहीं सकता है। हम उसे देख नहीं सकते हैं… Continue reading परमेश्वर वह पाप भी देखता है जो हम एकांत में करते हैं