लूका 11:28 – “उसने कहा, “हाँ, परन्तु धन्य वे हैं जो परमेश्वर का वचन सुनते और मानते हैं!”
इस आधुनिक कम्प्यूटर और स्मार्टफोन के युग में हमने अपनी पीठ को परमेश्वर की ओर मोड़ दिया है। दिन प्रतिदिन हम हमारे सृष्टिकर्ता, उसके वचन और उसके असीम प्रेम से दूर होते जा रहे हैं। हमारे जीवन में फिल्मों, वीडियो गेम, स्मार्ट फ़ोनों और सभी तरह की अश्लीलता के लिए समय है परन्तु जब बात परमेश्वर की आती है तो हमारे पास झूठे बहाने होते हैं जैसे कि समय की कमी, व्यस्त जीवन और आर्थिक संकट इत्यादि। हम अपनी दैनिक दिनचर्या की गतिविधियों को मूल्य देते और उनका सम्मान करते हैं परन्तु हमारे जीवनों में सुसमाचार के लिए कोई स्थान नहीं है। यह वह वास्तविकता है जिसे हम स्वेच्छा से इन्कार करते हैं और इसके प्रति अंधे होने का नाटक करते हैं।
पवित्र बाइबल कहती है कि वे जो उसके सुसमाचार को सुनते और मानते हैं आशीष को पाएंगे। सांसारिक बातें हमें सदैव परीक्षा में डाल देंगी, परन्तु हमें हमारे दैनिक जीवन की व्यस्त क्रियाकलापों में से प्रतिदिन हमारे प्रभु के लिए थोड़े से समय को समर्पित करना चाहिए। मेरे प्रिय मसीही भाइयों और बहनों; प्रतिदिन बाइबल का अध्ययन करने के लिए समय को निकालने की आदत डालें और अपनी अगली पीढ़ी को भी ऐसा करने के लिए ज़ोर दें जो इसकी शिक्षा आपसे और आपके कार्यों के द्वारा ही पाती है। इस तरह से आप और आपका परिवार परमेश्वर के आशीष को पाएंगे। आमीन ।