October 18, 2024

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हमारे जीवन में सुसमाचार का महत्व

लूका 11:28 – “उसने कहा, “हाँ, परन्तु धन्य वे हैं जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और मानते हैं!” इस आधुनिक कम्प्यूटर और स्मार्टफोन के युग में हमने अपनी पीठ को परमेश्‍वर की ओर मोड़ दिया है। दिन प्रतिदिन हम हमारे सृष्टिकर्ता, उसके वचन और उसके असीम प्रेम से दूर होते जा रहे हैं। हमारे जीवन… Continue reading हमारे जीवन में सुसमाचार का महत्व

परमेश्वर वह पाप भी देखता है जो हम एकांत में करते हैं

भजन संहिता 139:13 – हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया। तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था। यहोवा इस ब्रह्मांड का निर्माता है। एक भी कण या एक भी पत्ता उसकी इच्छा के बिना हिल भी नहीं सकता है। हम उसे देख नहीं सकते हैं… Continue reading परमेश्वर वह पाप भी देखता है जो हम एकांत में करते हैं