October 6, 2024

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प्रज्ञा के लिए प्रार्थना

हे प्रज्ञा के प्रभु ईश्वर, तूने राजा सुलेमान को अपनी प्रज्ञा से भर दिया कि वे हर कार्य में तेरी इच्छा जान कर तेरी विशाल प्रजा का शासन कर सकें। तूने नबी दानिएल को अपना ज्ञान प्रदान किया कि वे न्यायाधीशों का भी न्याय कर सकें। मेरी विनम्र प्रार्थना है, तू मुझे अपनी प्रज्ञा प्रदान… Continue reading प्रज्ञा के लिए प्रार्थना

क्रूसित यीशु से प्रार्थना

हे क्रूसित यीशु, मैं आपको प्रणाम करता हूँ। मुझ पापी के लिए आपने क्रूस पर अपने प्राण त्याग दिए। आपकी कृपा अपार है और आपका प्यार असीम। आपने मुझे अपने दैनिक जीवन का क्रूस ठोकर आपके पीछे चलने का आह्वान किया है। मुझे शक्ति दीजिये कि मैं अपने जीवन में आनेवाले दुःख-तकलीफों को सहर्ष स्वीकार… Continue reading क्रूसित यीशु से प्रार्थना

कुँवारी मरियम से आवान प्रार्थना

हे प्रभु! हम पर दया कर। हे मसीह ! हम पर दया कर। हे प्रभु ! हम पर दया कर। हे मसीह ! हमारी प्रार्थना सुन। हे मसीह! हमारी प्रार्थना पूर्ण कर। हे स्वर्गवासी पिता ईश्वर ! हम पर दया कर। हे पु़त्र ईश्वर, दुनिया के मुक्तिदाता ! हम पर दया…. हे पवित्र आत्मा ईश्वर… Continue reading कुँवारी मरियम से आवान प्रार्थना

कलीसिया के छः नियम

1- एतवार और हुक्म परब में भाग लेना। 2- उपवास और परहेज के दिन मानना। 3- बरस-बरस कम से कम एक बार पाप स्वीकार करना। 4- पास्का पर्व के समय योग्य रीति से परमप्रसाद ग्रहण करना। 5- कलीसिया के पुरोहितों को संभालने में भाग लेना। 6- विवाह के सम्बन्ध में कलीसिया के नियम मानना।

असीसी के सन्त फ़्रांसिस की प्रार्थना

हे प्रभु, मुझे अपनी शांति का एक साधन बना ले; जहाँ घृणा हो, वहाँ प्रेम; जहाँ चोट हो, वहाँ क्षमा; जहाँ संदेह हो, वहाँ विश्वास; जहाँ निराशा हो, वहाँ आशा; जहाँ अंधकार हो, वहाँ प्रकाश और जहाँ विषाद हो, वहाँ आनन्द तथा दिलासा लाऊँ। हे दिव्य गुरू, मुझे यह वर दे कि मैं सान्त्वना खोजने… Continue reading असीसी के सन्त फ़्रांसिस की प्रार्थना

हे हमारे स्वर्गवासी पिता

हे हमारे स्वर्गवासी पिता, तेरा नाम पवित्र माना जाए, तेरा राज्य आए, तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग मे पूरी होती है, वैसे ही पृथ्वी पर पूरी हो, हमारी रोज़ की रोटी आज हमें दे, और जैसे हम आपने ऋणियों को क्षमा करते हैं वैसे ही हमारे ऋणों को क्षमा कर, और हमें परीक्षा में मत डाल,… Continue reading हे हमारे स्वर्गवासी पिता

परमेश्‍वर की महिमा हो

पिता की, और पुत्र की, और पवित्र आत्मा की महिमा हो, जैसी वह आरम्भ में थी, अब है और सदैव, इस संसार के अन्त तक रहेगी, आमीन।