तेरी शरण में हम दौड़ आते हैं, हे ईश्वर की पवित्र माँ। हम अपनी जरूरत में जो विनती करते हैं, उसे अस्वीकार न कर, लेकिन, हे प्रतापी और धन्य कुँवारी, हमें सदा सब जोखिमों से बचा। आमेन।
तेरी शरण में हम दौड़ आते हैं, हे ईश्वर की पवित्र माँ। हम अपनी जरूरत में जो विनती करते हैं, उसे अस्वीकार न कर, लेकिन, हे प्रतापी और धन्य कुँवारी, हमें सदा सब जोखिमों से बचा। आमेन।
1- एतवार और हुक्म परब में भाग लेना। 2- उपवास और परहेज के दिन मानना। 3- बरस-बरस कम से कम एक बार पाप स्वीकार करना। 4- पास्का पर्व के समय योग्य रीति से परमप्रसाद ग्रहण करना। 5- कलीसिया के पुरोहितों को संभालने में भाग लेना। 6- विवाह के सम्बन्ध में कलीसिया के नियम मानना।
हे प्रभु, मुझे अपनी शांति का एक साधन बना ले; जहाँ घृणा हो, वहाँ प्रेम; जहाँ चोट हो, वहाँ क्षमा; जहाँ संदेह हो, वहाँ विश्वास; जहाँ निराशा हो, वहाँ आशा; जहाँ अंधकार हो, वहाँ प्रकाश और जहाँ विषाद हो, वहाँ आनन्द तथा दिलासा लाऊँ। हे दिव्य गुरू, मुझे यह वर दे कि मैं सान्त्वना खोजने… Continue reading असीसी के सन्त फ़्रांसिस की प्रार्थना