November 21, 2024

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पश्चाताप के कार्य

हे मेरे परमेश्‍वर, आपके प्रति अपराध करने के कारण मैं अपने हृदय से क्षमा प्रार्थी हूँ और आपके न्याय से भरे हुए दण्ड के कारण मैं अपने सभी पापों से घृणा करता हूँ, परन्तु सबसे अधिक इसलिए क्योंकि मैंने आपका अपराध किया है, हे मेरे परमेश्‍वर, क्योंकि आप पूर्ण रूप से भले और मेरे सारे… Continue reading पश्चाताप के कार्य

सवेरे की विनती

हे हमारे पिता, मैं विश्वास करता हूँ कि तू यहाँ हाजिर है । मैं सारे दिल से तेरी आराधना करता और तूझे प्यार करता हूँ। तूने मुझको बनाया, अपने पुत्र के मरण द्वारा पाप से छुड़ाया और पवित्र आत्मा की कृपा द्वारा पवित्र किया है तूने सारी रात मुझको संभाला है और नया दिन देखने… Continue reading सवेरे की विनती

पापी मनुष्य की प्रार्थना

हे प्रभु, आप हमारे अपराध हरते और हमारे पापों को अनदेखा करते हैं। आप अपना क्रोध बनाये नहीं रखते, बल्कि दया करना चाहते हैं। आप हम पर दया करते, हमारे अपराध पैरों तले रौंद देते तथा हमारे सभी पाप गहरे समुद्र में फेंक देते हैं। (देखिए मीकाह 7:18-19) मुझ पापी पर दया कीजिए। हे पिता,… Continue reading पापी मनुष्य की प्रार्थना

पछतावे की विनती

हे मेरे ईश्वर, मैं सारे दिल से उदास हूँ कि मैंने तेरी असीम भलाई और बड़ाई के विरूद्ध अपराध किया है। मैं अपने सब पापों से बैर और घिन करता हूँ, इसलिए कि तू, हे मेरे ईश्वर, जो मेरे पूरे प्रेम के इतना योग्य है, मेरे पापों से नाराज हो जाता है और मैं यह… Continue reading पछतावे की विनती