हे प्रभु, आप हमारे अपराध हरते और हमारे पापों को अनदेखा करते हैं। आप अपना क्रोध बनाये नहीं रखते, बल्कि दया करना चाहते हैं। आप हम पर दया करते, हमारे अपराध पैरों तले रौंद देते तथा हमारे सभी पाप गहरे समुद्र में फेंक देते हैं। (देखिए मीकाह 7:18-19) मुझ पापी पर दया कीजिए। हे पिता,… Continue reading पापी मनुष्य की प्रार्थना