November 23, 2024

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यीशु – परमेश्वर का पुत्र

2000 साल पूर्व यरूशलेम में एक मसीहा ने जन्म लिया जिसने दुनिया को सिर्फ 3 वर्षों में हिलाकर रख दिया। एक मसीहा जो सबसे अलग था, जो पापियों और अधर्मियों से प्यार करता था, जो उनके उद्धार के लिए आया जो उससे नफरत करते थे, उसके चेहरे पर थूकते थे और उन्होंने उस मसीहा को उसके प्यार के बदले में सलीब पर चढ़ा दिया।

यीशु मसीह एक परिवर्तनवादी थे, जिस तरह वह बात करते, सिखाते, हर एक चीज़ जो वह करते वह परिवर्तनवादी और अविश्वसनीय थी।

यीशु पानी पर चले, बीमारों को भला किया और मरे हुओं को जीवित किया, जैसे सृष्टि के बाद से कोई अन्य नबी नहीं कर सका था। इतिहास उनके चमत्कारों की टिप्पणी करता है, किसी के पास कभी उन जैसी शक्ति नहीं थी, वह एक अलौकिक व्यक्तित्व थे।

उनकी नरम हथेलियां कीलों से छेदी गईं, शरीर को रोटी की तरह तोड़ा गया और रक्त उन पापियों के लिए दिया गया, जो दया के योग्य नहीं थे। यह इतिहास का सबसे बड़ा बलिदान है, एक बलिदान जिसने पृथ्वी को उलट के रख दिया। यीशु के अनमोल और असीमित प्रेम ने उनको भी माफ कर दिया जिन्होंने उनकी हत्या की।

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