हे प्रभु पददलितों के आश्रय और हमारा शरणस्थान, मैं विश्वास करता हूँ कि संकट के समय आप मुझे अपने तम्बू में सुरक्षित रखते हैं। बाढ़ कितनी ऊँची क्यों न उठे, किन्तु जलधारा आप पर भरोसा रखने वाले को नहीं छू पायेगी। मुझे ज्ञात है कि आप मेरा दाहिना हाथ पकड़ कर मेरी सहायता करने का आश्वासन देते हैं। मैं जानता हूँ कि परीक्षा में खरा उतरने पर मुझे जीवन का वह मुकुट प्राप्त होगा, जिसे आप ने अपने भक्तों को देने की प्रतिज्ञा की है। मुझे इन परेशानियों के बीच विचलित न होने दें। आपके वचन पर मेरा भरोसा है। मुझे आपकी उपस्थिति का एहसास कराइए तथा इस संकट के समय मुझे अपनी विशेष कृपा प्रदान कीजिए ताकि मैं खरा उतर सकूँ। हमारे प्रभु मसीह के द्वारा। आमीन।