सोसाइटी ऑफ़ जीज़स अर्थात् यीशु समाजी कैथोलिक चर्च के पुरूषों का एक धार्मिक समाज है। इसके सदस्यों को यीशु समाजी कह कर पुकारा जाता है। यह समाज छ: महाद्वीपों के 112 देशों में प्रेरिताई और सुसमाचार के प्रचार की सेवकाई में कार्यरत् है। यीशु समाजी विश्व भर में शिक्षण, बौद्धिक अनुसन्धान और सांस्कृतिक गतिविधियों इत्यादि के कार्य में लगे हुए हैं। इसके साथ ही यीशु समाजी ध्यान चिंतन में सहायता, धर्म पल्लियों और चिकित्सालयों में सेवकाई और सामाजिक न्याय और सार्वभौमिक गोष्ठियों को भी बढ़ावा देते हैं।
इस सोसाइटी की स्थापना इग्नेशियस लोयोला ने एक युद्ध में घायल होने और मन परिवर्तन के अनुभव के पश्चात् की थी। उन्होंने यीशु मसीह की शिक्षाओं के अनुसरण के लिए आध्यात्मिक अभ्यासों का संकलन किया। 1534 में, इग्नेशियस और अन्य छ: जवान पुरूषों, जिसमें फ़्रांसिस ज़ेवियर और पीटर फ़ाबर भी सम्मिलित हैं, इकट्ठे हुए और निर्धनता, शुद्धता और बाद में आज्ञा पालन जिसमें मिशन के दिशा निर्देशों और कार्यों के विषय में पोप के प्रति विशेष प्रतिज्ञा का पालन किया जाना सम्मिलित है, की प्रतिज्ञाओं को लिया। इग्नेशियस के समाज के संगठन की इस योजना को 1540 में पोप पॉल तृतीय के द्वारा स्वीकृत किया गया।
सोसाइटी ऑफ़ जीज़स अर्थात् यीशु समाजी का नेतृत्व सुपीरियर जनरल या संघ चालक के द्वारा किया जाता है, वर्तमान में यह आर्तुरो सोसा अबासकल हैं। 2013 में जार्ज मारियो बेरगोगलियो पहले यीशु समाजी पोप बने और आज पोप फ्रांसिस के नाम से जाने जाते हैं।
कैथोलिक चर्च में यीशु समाजी आज पुरोहितों और भाइयों के एक सबसे बड़े धर्म समाज को निर्मित करते हैं। आज विश्व भर में 18, 000 से अधिक यीशु समाजी कार्य कर रहे हैं। इसके सदस्य विभिन्न तरह की भूमिकाओं को स्वीकार करते हैं जैसे: कुछ धर्म पल्ली के पुरोहितों के रूप में कार्य करते हैं, जबकि अन्य शिक्षकों, डॉक्टरों, वकीलों, कलाकारों और खलोगविदों के रूप में कार्य करते हैं। जो बात उन्हें आपस में बाँधे रखती है वह उनके संस्थापक का दर्शन है; “सभी बातों में परमेश्वर को ढूंढ़ना”। इसलिए ही यीशु समाजी विविध और त्रुटिपूर्ण संसार में प्रत्येक स्थान तक पहुँचते हैं क्योंकि यही वह स्थान है जहाँ पर परमेश्वर है।
सोसाइटी ऑफ ज़ीजस संसार में चारों ओर भिन्न देशों के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को संचालित करती है और विशेष रूप से फ़िलिपीन्स और भारत में कार्यरत् है। संयुक्त राज्य अमेरिका में यह 20 महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों और 58 हाई स्कूलों को चलाती है। यीशु समाजी विद्यालय के मिशन की एक विशिष्ट अवधारणा में अक्सर ऐसे विचार पाए जाएंगे जैसे मानवीय जीवन में, शिक्षण और सीखने में और आजीवन आध्यात्म और बौद्धिक विकास में उत्कृष्टता की खोज के लिए मसीह को एक नमूना मानते हुए प्रस्तुत करते हैं। अपने शैक्षणिक संस्थानों में वे “पुरूष और स्त्रियों को अन्यों के लिए” प्रशिक्षित करने का प्रयास करते हैं। और अपनी पासबानी सेवकाई में, यीशु समाजी पूर्ण व्यक्ति: शरीर, मन और प्राण की देखभाल करते हैं।
वे अपनी सभी गतिविधियों में “परमेश्वर की अधिक से अधिक महिमा” को बढ़ावा देते हैं। सभी परिस्थितियों में यीशु समाजी उस पथ को समझने का प्रयास करते हैं जो परमेश्वर की आवश्यकता में पड़े हुए लोगों की सम्भावित सर्वोत्तम तरीके से सेवा करेगा। वह हर कार्य को बड़ी कृतज्ञता के साथ उन के साथ मिलकर करते हैं जो उनके मूल्यों को साझा करते हैं, जिसमें बहुत से साधारण लोग सम्मिलित हैं, जो विस्तारित यीशु समाजियों का एक अभिन्न अंग हैं। इकट्ठे मिलकर वे मसीह की देह का निर्माण करते हैं।
अद मायोरेम देई ग्लोरियम – परमेश्वर की अधिक से अधिक महिमा के लिए। आमीन।