हम परमेश्‍वर की खोज क्यों करते हैं?

परमेश्‍वर ने हमारे हृदय में उसकी खोज करने और उसे पा लेने की तड़प को डाल दिया है। सन्त अगस्तीन ने कहा है, “तूने हमें अपने लिए रचा है, और जब तक हमारे हृदय तुझे पा नहीं लेते तब तक बैचेन रहेंगे।” हम इस तड़प को “धर्म” के नाम से पुकारते हैं।     मनुष्य के लिए… हम परमेश्‍वर की खोज क्यों करते हैं? पढ़ना जारी रखें