September 8, 2024

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सन्त फ़ादर होसे मारिया रुबियो का संग्रहालय

कुछ लोगों का मानवता के ऊपर इतना अधिक प्रभाव होता है कि हम उन्हें कभी भी भूलना नहीं चाहते हैं। हम उनकी स्मृतियों को अपने दैनिक जीवन में सुरक्षित रखते हैं ताकि जो कुछ उन्होंने अपने जीवन काल में प्राप्त किया, और कैसे हमें उनके मार्गों के ऊपर चलना चाहिए, उसको निरन्तर स्मरण करते रहें।

सन्त फ़ादर होसे मारिया रुबियो उन अमर लोगों में से एक हैं जिनका नाम सदैव जीवित रहेगा। दक्षिण स्पेन के डालियास शहर में स्थापित सन्त फ़ादर होसे मारिया रुबियो का समुदाय हमें इस साधरण से व्यक्ति के जीवन और कार्य के दर्शन की प्रस्तुति एक संग्रहालय के माध्यम से देता है जो उनके जीवन के अति महत्वपूर्ण तथ्यों को कालक्रम के अनुसार चित्रित करते हैं, जहाँ हम उन तत्वों को देख सकते हैं जो उनके समय और विश्‍वास की यात्रा से सम्बन्धित हैं। संग्रहालय में आगमन पर मित्रता और गर्माहट से भरे हुए स्वागत के पश्चात्, आप सन्त फ़ादर होसे मारिया रुबियो के बड़े पोस्टरों और फ्रेम लगे हुए कई चित्रों को देखते हुए प्रथम तल तक पहुँचते हैं। प्रथम तल पर आप जिन पहली वस्तुएँ को वहाँ पाते हैं वह उनके बचपन की स्मृतियाँ हैं जैसे उनका पालना, उनके शिशुत्वकाल की पोशाक, उनके शहर और परिवार के बारे में सूचनाएँ और चित्र इत्यादि।

तब प्रर्दशनी का भ्रमण उनके किशोरावस्था के वर्षों, उस सेमनरी के बारे में जहाँ उन्होंने फ़ादर बनने के लिए अध्ययन किया, वह धर्म पल्ली जहाँ उन्हें पुरोहित के रूप कार्य नियुक्ती दी गई, समाज के प्रति उनकी सेवाएँ, पवित्र भूमि की ओर उनकी यात्रा और और सोसाइटी ऑफ़ जीज़स अर्थात् यीशु समाज में उनके प्रवेश की ओर बढ़ता है।

संग्रहालय सन्त फ़ादर होसे मारिया रुबियो की कई विभिन्न व्यक्तिगत् वस्तुओं को प्रदर्शित करता है जैसे उनकी जाप-माला, उनके द्वारा उपयोग किया गया उनका अन्तिम रूमाल, उनका बटुआ, एक क्रूज़ जो उन्होंने अपने साथ अन्त तक रखा जिसे उन्होंने 1904 में पवित्र भूमि से अपने वापसी के मार्ग पर लुरदेस में प्राप्त किया था, और ऐसी कई अन्य वस्तुएँ जिन्होंने उनकी सहायता परमेश्‍वर की खोज करने में की। आप साथ ही उनके द्वारा उपयोग किए गए पवित्र वस्त्रों और कई अन्य वस्त्रों को देख सकते हैं जिन्हें डालियास की धर्म पल्ली में उन्हें दिया गया था।

इस अवलोकन का अन्तिम भाग उन्हें धन्य ठहराए जाने और सन्त बनाए जाने के रीति-विधान के साथ साथ सन्त फ़ादर होसे मारिया रुबियो को दी गई श्रद्धांजलियों और घटनाओं के ऊपर केन्द्रित है जिन्हें उस समुदाय के द्वारा आयोजित किया गया है जिसे सन्त फ़ादर होसे मारिया रुबियो के जीवन और पवित्रता को बढ़ावा देने के लिए 1994 में स्थापित किया गया था।

इस संग्रहालय का भ्रमण हमें यह दिखाता, सिखाता और समझाता है कि कैसे हमारे समय के एक व्यक्ति को परमेश्‍वर के द्वारा संसार में निरन्तर उसकी इच्छा को पूरा करते हुए और उसके पीछे चलते रहने के लिए चुना गया था। सन्त फ़ादर होसे मारिया रुबियो के समुदाय को उनकी जन्म भूमि, डालियास में इस संग्रहालय के दरवाजों को आप सभी के लिए खोलने में गर्व है कि आप एक ऐसे व्यक्ति को जानें जिसने अपने विश्‍वास को परमेश्‍वर के ऊपर रख दिया और अपने जीवन को उसके लिए समर्पित कर दिया। प्रत्येक दिन उसने यह प्रदर्शित किया कि एक सच्चे मसीही जीवन को जीना और पवित्रता के लक्ष्य तक पहुँचना संभव है।

सन्त फादर जोश मारिया रूबाओ अक्सर यह कहते थे कि: “वह करो जो परमेश्‍वर चाहता है, और वही चाहो जो परमेश्‍वर करता है।”

इस संग्रहालय का भ्रमण हमें सन्त फ़ादर होसे मारिया रुबियो के जीवन के बारे में बहुत कुछ शिक्षा देता है और हमें प्रभु की सेवा उसी तरह से करने की ऊर्जा से भर देता है जैसा वह करते थे।

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